छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि विभाग द्वारा राज्य में मधुमक्खी और रेशम किट पालन को कृषि का दर्जा प्रदान किया गया है। साथ ही विभाग द्वारा मधुमक्खी और रेशम किट पालकों को बिना ब्याज के ऋण सुविधा उपलब्ध कराए जाने का आदेश जारी कर दिया गया हैं।गौरतलब है कि एकीकृत बागवानी मिशन के अंतर्गत मधुमक्खी पालन की एक यूनिट की इकाई लागत 2.31 लाख रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता हैं।
वित्तीय वर्ष में एकीकृत बागवानी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन के लक्ष्यों की शतप्रतिशत पूर्ति हेतु लंबित आवेदनों को निर्धारित ऋणमान के अनुसार बैंक एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जाएगा। रेशम किट पालकों को संस्थागत मध्यकालीन कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान तथा राज्य के किसानों के समान विद्युत प्रभाव में अनुदान मिलेगा।
जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा संचालित सिल्क समग्र-2 योजना के तहत रेशम किट पालन करने वाले लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों को केंद्राश और राज्यांश को मिलाकर कुल 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।शहतूत पौधों पर रेशम किट पालन हेतु प्रति एकड़ लागत 5 लाख रुपए ऋणमान के आधार पर ऋण स्वीकृति दी जाएगी।
सभी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा सिल्क समग्र-2 योजना में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नमर्स अनुसार कृषकों को ऋण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। इस योजना के तहत मिलने वाले ऋण का उपयोग मधुमक्खी पालन और रेशम कीट पालन के लिए आवश्यक उपकरणों और सामग्री की खरीद के लिए किया जा सकता है।
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