कृषि जागृति संदेश

बंजर जमीन को फिर से बना सकते हैं उपजाऊ जानिए कैसे!

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krishijagriti5

बंजर जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए रासायनिक खादों के बजाय जैव उर्वरकों का इस्तेमाल करें। जैसे की हम अपने किसान भाइयों को कृषि संबंधित पोस्ट में बताते रहते हैं। जैव उर्वरकों का इस्तेमाल करने के बारे में और इसके के देखते हुए हमारे कुछ किसान भाई जैविक खादों का बढ़ावा दे रहे हैं। तेजी से बढ़ती आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती में रासायनिक खादों को दिन प्रति दिन बढ़ते इस्तेमाल का आम लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा हैं।

इस मुद्दे पर विशेषज्ञों की तमाम चेतावनियां भी अब तक बेअसर ही रही है। खाद्य विशेषज्ञ रासायनिक की जगह जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि रासायनिक उर्वरकों को अधिक मात्रा में इस्तेमाल से न सिर्फ फसल प्रभावित व दूषित होती है, बल्की इससे पैदा होने वाली उपज को खाने वाले इंसानों और जानवरों तथा भूमि की सेहत के साथ ही पर्यावरण पर भी बेहद प्रतिकूल असर पड़ता हैं।

अनाज और सब्जियां के माध्यम से इस जहर को लोगों के शरीर में पहुंचने के कारण तरह तरह की बीमारियां एवं नई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक रासायनिक खादों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण कृषि भूमि को धीरे-धीरे रासायनिक उर्वरकों से मुक्त कर हमें देश में उपलब्ध जैव उर्वरकों का भरपूर उपयोग करना होगा।

देश की 30 फीसदी भूमि बंजर होने के कगार पर है। यूरिया के इस्तेमाल के दुष्प्रभाव के अध्ययन के लिए वर्ष 2024 में सरकार ने सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की स्थापना की थी। उसमें भी यूरिया को धरती की सेहत के लिए घातक बताया था। देश में हरित क्रांति आने की वजह से रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण हो रही हैं, और किसानों के मित्र कहे जाने वाले कीड़े, केंचुए खत्म हो रहे हैं। कृषि भूमि को धीरे धीरे रसायनों की लत से मुक्त करने के लिए जैविक खादों का भरपूर उपयोग करना होगा और किसानों को इस कार्य के लिए कृषि जागृति से जुड़ा रहना होगा क्योंकि हम जैव उर्वरकों के इस्तेमाल के बारे में बताते रहते हैं।

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