केला की खेती में केला रोपण का समय बहुत महत्वपूर्ण है। बहुत सारे कारकों में से एक, केला रोपण समय निर्धारित करता है की उपज कितना होगा एवं उपज से कितना लाभ मिलेगा। बिहार में यदि केला छठ के समय तैयार होता है तो अधिकतम लाभ मिलता है जबकि इसके विपरित जब केला शर्दी के महीने में तैयार होता है तो इसको बेचने से आशातीत लाभ नही मिलता है।
यह सब निर्धारित होता है की केला कब लगाते है। केला रोपण का समय विभिन्न कारकों द्वारा निर्धारित होता है जैसे, प्रजाति, क्षेत्र विशेष की जलवायु, बाजार की आवश्यकता इत्यादि। पश्चिमी तथा उत्तरी भारत में केला लगाने का सबसे अच्छा समय दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की शूरूआत यानि जून-जुलाई का महीना है।
दक्षिण भारत के केरल के मालाबार हिस्से में सितम्बर-अक्टूबर में तथा इसके कुछ अन्य क्षेत्रों में दिसम्बर माह में केला लगाते हैं। पालिनी की निचली पहाड़ियों पर अप्रैल में, कावेरी नदी के किनारों पर फरवरी-मार्च तथा तंजोर जिले में केला दिसम्बर-जनवरी के महीने में लगाया जाता है। मैसूर, आन्ध्र प्रदेश तथा उड़ीसा में केला जून माह के अन्त में लगाते है।
पष्चिम बंगाल, बिहार तथा आसाम में मानसून शुरू होने के बाद जून-जुलाई में केला लगाते हैं। बिहार में केला सितम्बर के प्रथम सप्ताह के बाद नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार लगाये गये केले में गहर जाड़ों में निकलती है, जो अत्यधिक ठंढ़क की वजह से असामान्य निकलती है। साथ ही सितंबर में लगाई गयी फसल की रोपाई से कटाई तक की अवधि लम्बी हो जाती है।
क्योंकि शर्दी के कारण फलों को तैयार होने में अधिक समय लगता है। केला लगाते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए की फूल के निकलते समय अत्यधिक ठंडक नही होना चाहिए, क्योंकि ठंडक की वजह से केला का बंच ठीक से आभासी तने के बाहर नही निकलता है जिसकी वजह से केला उत्पादक किसान को भारी नुकसान होता है।
यहां यह बताना आवश्यक है की उत्तक संवर्धन से तैयार केला के पौधों में फूल 9वे महीने में आता है,एवं बंच की कटाई 12वे महीने में हो जाती है। जबकि सकर से लगाए गए केला में फूल 11वे महीने में आता है एवं बंच की कटाई 15वे महीने में हो जाती है। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए इस बात कैलकुलेशन करे की फूल आने का समय शर्दी के महीने में न पड़े।
PC : डॉ. एसके सिंह प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक(प्लांट पैथोलॉजी) एसोसिएट डायरेक्टर रीसर्च डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर बिहार
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