केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहां कि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह देश किसानों का देश है, हमारे किसान देश की शान है। यह बात उन्होंने दिल्ली में एग्रीकल्चर टुडे समूह द्वारा आयोजित 14वें एग्रीकल्चर लीडरशिप कॉनक्लेव व अवार्ड्स समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। मुंडा ने कहां कि आज भारत अनेक कृषि उत्पादों में नंबर वन है। इन्हे उपजाने वाले हमारे किसान भाई खुशहाल होंगे, तो देश खुशहाल होगा। उन्होंने कहां कि निःसदेश हमारा कृषि क्षेत्र तेजी से से प्रगति कर रहा है।
लेकिन सबको मिल जुलकर आगे और भी प्रयास करने होंगे। मुंडा ने कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां बताते हुए आयात घटाने के साथ ही निर्यात बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहां कि हम सब अपनी मिट्टी से जुड़े रहे व मिट्टी की उर्वरा क्षमता को नैसर्गिक तरीके से बढ़ाए। मुंडा ने कहां कि मेक इन इंडिया दृष्टिकोण से प्राकृतिक उत्पादों के प्रति सभी को संवेदनशील होना चाहिए।
आयात को कम करने से देश की विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, निर्यात बढ़ने से देश की आय में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। मुंडा ने कहा है कि भारत को अपनी निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिए नीतियां बनानी चाहिए और निर्यातकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। भारत के आयात और निर्यात के बीच का अंतर बहुत बड़ा है।
भारत सालाना लाखों करोड़ रुपये का सामान विदेशों से आयात करता है, जबकि निर्यात बहुत कम करता है। इस वजह से भारत की विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है। मुंडा ने कहा है कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आयात को कम करके निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। यह देश के विकास के लिए जरूरी है।
यह भी पढ़े: किसानों के लिए राहत भरी खबर, 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदेगी इस राज्य की सरकार
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद