राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कृषि वैज्ञानिकों से गुजारिश कि है कि वह एआई के उपयोग से कृषि की वैश्विक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए जलवायु अनुरूप कृषि के विकास के लिए काम करे। मिश्र जोधपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह और वहा संविधान पार्क के लोकार्पण समारोह में संबोधित कर रहे थे।
मित्र ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। वैदिक काल, ऋग् वेदिक तथा अन्य वैदिक ग्रंथों से हमे व्यवस्थित ढंग से कृषि और पशुपालन के प्रमाण निरंतर मिलते रहे हैं। इससे पता चलता है कि तब खेती कितनी अधिक व्यवसायीकरण और वैज्ञानिक थी। उन्होंने कहा कि व्यवसायीकरण और अधिक उत्पादन की लालसा ने कृषि क्षेत्र को सभी दृष्टि से लाभकारी बना दिया है।
मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा के अंतर्गत भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाए रखने, उन्नत बीज के देशी संस्करणों के विकाश, जलवायु के आधार पर स्थान विशेष में खेती के साथ किसानो के पारंपरिक ज्ञान को सहेजते हुए कार्य करे। कृषि विज्ञान केंद्र को इस तरह से विकशित किया जाए की वहा से हर आम और खास को युगानुकल कृषि विकास से जुड़ी अधतन सूचनाएं मिल सके।
जलवायु अनुरूप कृषि, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और टिकाऊ कृषि प्रणाली बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि वैज्ञानिकों को इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। यह कृषि का एक ऐसा तरीका है जो बदलते हुए जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होगा। इसमें ऐसी तकनीकों और रणनीतियों का उपयोग किया जाएगा जो कम पानी में खेती करने, सूखे और बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाने, और फसलों को कीटों और रोगों से बचाने में मदद कर सकें।
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