जी-एनपीके एक जैव उर्वरक है। इसका उपयोग सभी फसलों के लिए लाभदायक साबित होता हैं। इसका इस्तेमाल बीज उपचार, पौध की जड़ों का उपचार एवं मृदा उपचार में किया जाता हैं। इससे फसलों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की पूर्ति होती हैं। पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक 3 तत्व मिट्टी के माध्यम से नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस हैं। जी-एनपीके जैविक कीटनाशक साल दर साल भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाकर इसकी पूर्ति करता है।
G-NPK जैविक उर्वरक तरल के उपयोग से प्रति एकड़ 10 से 12 किलोग्राम नाइट्रोजन, 8 से 10 किलोग्राम फास्फोरस एवं 4 से 6 किलोग्राम पोटाश फसलों को उपलब्ध होता हैं। जिससे फसलों की उपज में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती हैं। इसके इस्तेमाल से प्रति एकड़ खेत में 20 से 25 किलोग्राम यूरिया, 15 से 20 किलोग्राम DAP तथा 5 से 10 किलोग्राम एमओपी की बचत होती हैं।
बीज उपचार के लिए: 5 से 10 मिलीलीटर G-NPK जैव उर्वरक को प्रति लीटर पानी में घोलकर प्रति किलो बीज को उस घोल में डाल कर 30 मिनट तक छोड़ दें। फिर बीज को निकाल कर किसी छायादार स्थान पर सुखा कर बुवाई करें।
पौध के जड़ उपचार के लिए: 250 मिलीलीटर G-NPK जैव उर्वरक को 25 लीटर पानी में मिला कर प्रति एकड़ खेत के लिए पर्याप्त पौध की जड़ों को 30 मिनट तक घोल में डुबाएं। उपचारित पौधों की जल्द ही रोपाई कर दें।
मृदा उपचार के लिए: प्रति एकड़ खेत की मिट्टी उपचार के लिए एक एक लीटर G-NPK जैव उर्वरक की आवश्यकता होती हैं। एक लीटर G-NPK को 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट या खेत की मिट्टी में मिलाकर। इस मिश्रण को प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
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