पूसा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा टमाटर की नई किस्म विकसित की गई है। टमाटर की यह किस्म रोपाई से 75 से 80 दिन बाद पहली फल तुडाई के लिए तैयार हो जाती हैं। पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 नामक इस किस्म को साल के किसी भी महीने में बोया जा सकता हैं। टमाटर की इस किस्म से अच्छी उत्पादन के लिए गर्म जलवायु के साथ-साथ नमी युक्त बलुई दोमट मिट्टी जिसका पीएच मान 6 से 7 को उपयुक्त माना जाता हैं।
इस किस्म के टमाटर की जैविक खेती से प्रति एकड़ 100 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती हैं। चेरी टमाटर का रंग गहरा लाल, गुलाबी, पीले, हल्का सुनहरा होता हैं। देश विदेशो के बाजार में ऐसे टमाटर के लिए अच्छी मांग बनी रहती हैं। ऐसे में टमाटर की यह किस्म किसानो के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं। अगर किसान इसकी खेती जैविक विधि से कृषि जागृति द्वारा बताए गए फार्मूले से करे तो, लेकिन अभी तक किसी किसान भाई ने इस नई किस्म की खेती नहीं किए है।
अगर जो हमारे किसान भाई इस पोस्ट को पढ़ रहे है और मन बना रहे है टमाटर की इस नई किस्म की खेती करने की तो आप इसकी प्रति एकड़ जैविक खेती करे और इसका सही उत्पादन प्राप्त करके हमें बताएं। ताकि ये पता चल सके की जो इस टमाटर की नई किस्म का वादा किया जा रहा है प्रति एकड़ 100 क्विंटल पैदावार प्राप्त करने की तो क्या ये सही है। वैसे किसी भी फसल की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए सही ढंग से खेती करने व देख-रेख पर निर्भर करता हैं।
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