भारतीय गेंहू और जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्लूबीआर) ने उतर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के किसानों को गेंहू की फसल में पर्याप्त नमी बनाए रखने की सलाह दी है। आईआईडबल्यूबीआर द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उतर-पूर्व और उत्तर पश्चिम भारत के किसानों को फसल की परिप्वता के लिए मिट्टी में उचित नामी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती हैं।
आईआईडबल्यूबीआर के निर्देशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि यदि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है तो फसल को सूखने से बचाने और गर्मी के तनाव को कम करने के लिए किसान गेंहू के एंथेसिस चरण के दौरान 150 लीटर पानी में एक लीटर जी-पोटाश को प्रति एकड़ खेत में स्प्रे कर सकते हैं। इससे गेहूं की फसल में पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहेगी ताकि दाने सही से गोटा सकें।
आईआईडबल्यूबीआर द्वारा जारी सलाह में बताया गया है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों को पीले रतुआ या भूरे रतुआ के प्रति सतर्क रहना चाहिए और 150 लीटर पानी में एक लीटर जी-डर्मा प्लस का छिड़काव करना चाहिए। देर से बोई गई फसलों पर केवल हल्की सिंचाई की सलाह दी गई है। साथ ही कटाई से 8 से 10 दिन पहले सिंचाई रोकने को कहा गया है।
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