हमारे देश के लगभग हर क्षेत्र में खीरे की खेती की जाती है। लेकिन इसकी जैविक खेती बहुत ही कम पैमाने पर किसान करते हैं, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है की खीरे की जैविक खेती कैसे की जाती है। अगर हमारे किसान भाई खीरे की जैविक खेती करने के लिए तैयार होना चाहते है तो कृषि जागृति के इस पोस्ट में आप जान सकेंगे की खीरे की जैविक खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु कौन सी सही होती हैं, जिससे खीरे की जैविक फसल बेहतर हो तो आइए जानते हैं।
खीरे की जैविक खेती लगभग सभी तरह के मिट्टी में की जा सकती है। खेतों में खीरे की जैविक बुवाई फरवरी से मार्च माह में और मार्च से अप्रैल माह तक लगाए जा सकते हैं। खीरे की जैविक बुआई करने से पहले मिट्टी और बीज को उपचारित कर लेना हैं।
खीरे की जैविक खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
खीरे की जैविक खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
खीरे की जैविक बुआई के लिए मिट्टी में कार्बन की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
खीरे की जैविक बुआई के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 होना चाहिए।
खीरे की जैविक बुवाई के लिए खेतों में से पानी निकलने की उच्चित प्रबंध हो।
अधिक तापमान वाली जगहों पर उगने वाले खीरे की जैविक फल अच्छी गुणवत्ता की होती है।
शुरुआत में खीरे की बीजों को अंकुरित होने के लिए तापमान का लगभग 20 डिग्री होना आवश्यक है।
बीज अंकुरित होने के बाद इसके पौधों को बढ़ने के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।
अधिक तापमान होने पर जैविक खीरे की फसल के फूल खिलते ही मर जाते हैं।
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