जैसा की आप सभी किसान भाई कृषि जागृति की पोस्ट पूरा पढ़ते होंगे तो अपने एक सीज नोटिस किया होगा। हम किसान को अपने खेतों में जैव उर्वरक के मिश्रण को छिड़काव करने की सलाह देते हैं। केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहां है कि आने वाले समय में समुद्री शैवाल बहुत ही महत्वपूर्ण जैव उर्वरक होने वाला हैं। रूपाला गुजरात के कोटेश्वर कच्छा में समुद्री शैवाल के जैव उर्वरक से खेती को बढ़ावा देने पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहां कि समुद्री शैवाल के उत्पादन से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और खासकर महिलाओं को काफी काम मिलेगा। रूपला ने लाभार्थियों से भी बातचीत की ओर इसकी खेती से जुड़े चिन्हित लाभार्थियों को लाभ वितरित की। समुद्री शैवाल सागर में मिलने वाला एक समुद्री शैवाल जैव उर्वरक है, जिसे पारंपरिक रूप से भोजन और दवाओं में उपभोग के लिए दुनिया भर में उगाया जाता है। यह खनिज, आयोडीन, विटामिन से भरपूर है। इसे छह सप्ताह की छोटी अवधि में उगाने के लाभ के साथ साथ भूमि और उर्वरक की आवश्यकता के बिना आसानी से उगाया जा सकता हैं।
इस जैव उर्वरक को कृषि जागृति किसानों को मिट्टी उपचार एवं फसलों की सिंचाई के समय मिश्रण बना कर छिड़काव के लिए बताता हैं, तो आप इस मिश्रण को कैसे तैयार करें। इसके लिए आपको 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट या केंचुआ खाद या राख में 10 किलोग्राम समुद्री शैवाल जैव उर्वरक जी-सी पावर और 10 किलोग्राम एडवांस समुद्री शैवाल जैव उर्वरक जी-प्रोम एडवांस में 500 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या जी-डर्मा प्लस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट हवा लगने के बाद प्रति एकड़ खेत में बिखेर कर मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाएं।
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