हमारे किसान भाइयों, भारत में आलू को सब्जियों का राजा कहां जाता है। भारतीय रसोई में ज्यादातर सब्जियां बिना आलू के अधूरी सी लगती हैं। भारत में सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश राज्य में किया जाता है। आलू की पैदावार में चीन और रूस के बाद भारत तीसरे स्थान पर हैं। ये जमीन के अंदर पैदा होता हैं।
भारत में आलू की प्रजाति: भारत में कुफरी चंद्रमुखी, अलंकार, बादशाह, सिंदूरी, देवा, शीतमान, लालिमा, जवाहर, अशोक, JF-5106 समेत तमाम प्रकार की आलू की प्रजाति उगाई जाती हैं। आलू की बुवाई का समय मुख्यतः अक्टूबर माह होता हैं।
गैलवे कृषम के जैविक उत्पादों के साथ आलू की जैविक बुवाई
आलू की जैविक बुवाई के करने के लिए सर्वप्रथम मिट्टी उपचार कारण चाहिए। इसके लिए 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई भुरभुरी एवं थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस और 4 किलोग्राम जी-वैम में 500 लीटर एनपीके को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
30 दिन की आलू की फसल होने पर 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट में 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस और एक लीटर जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट हवा लगने के बाद प्रति एकड़ खेत में छिड़काव कर सिंचाई करें।
50 दिन की आलू की फसल होने पर एक लीटर जी-पोटाश एडवांस एवं 100 एमएल जी-अमीनो प्लस और 100 एमएल जी-बायो ह्यूमिक को 150 लीटर पानी में मिलाकर कर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
70 दिन की आलू की फसल होने पर 100 एमएल जी-अमीनो प्लस और 100 एमएल जी-सी लिक्विड 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
आलू की फसल में लगने वाले रोग: अगर आलू की फसल की सही देखभाल न की जाए तो इसमें अर्ली ब्लाइट, लेट ब्लाइट, स्कैब, ब्लैक वार्ट, ब्राउन रस्ट जैसे रोग लगने की संभावना बढ़ जाती हैं।
Not: गैलवे कृषम के सभी जैविक उत्पाद की खासियत यह है कि ये ईको फ्रेंडली हैं और मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों तथा पर्यावरण के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं हैं।
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