खेती-किसानी और पशुपालन के बाद मछली पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। किसानों को इस व्यवसाय से जोड़ने के लिए सरकार भी अपने स्तर पर मदद कर रही है। हिमाचल सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की है। जी हां हिम उन्नति योजना का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है। इस योजना के अंतर्गत, प्रदेश में एकीकृत और समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
किसानों के लिए क्या है हिम उन्नति योजना?
इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2023 में हुई है। इस योजना के अंतर्गत, कृषि और संबंधित क्षेत्रों का समेकित विकास करने के लिए 1239 क्लस्टर्स की खेती योग्य क्षेत्र की पहचान की गई है, जिनमें से प्रत्येक में कम से कम 40 बीघा भूमि होगी। इस योजना के तहत, विभिन्न साझेदारों द्वारा कुल 2600 क्लस्टर्स विकसित किए जाएंगे। चालू वित्त वर्ष में योजना के लिए 25 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
हिम उन्नति योजना की विशेषताएं
इसके तहत दूध, सब्जियों-फलों और अन्य नगदी फसलों के कलस्टर बनाए गए हैं।
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मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तालाब बनाने पर 80% सब्सिडी दी जाएगी।
कृषि-बागवानी योग्य भूमि के नुकसान पर मुआवजे को 3,615 रुपए प्रति बीघा से बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया गया है।
मछली पालन के लिए मिलेगी 80% सब्सिडी
हिमाचल सरकार ‘हिम उन्नति योजना’ के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 80% सब्सिडी दे रही है। इसके तहत मछली पालन के लिए तालाब के निर्माण पर मछली पालक या किसान को 80 फीसदी सब्सिडी मिलेगी।
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