सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। इस समय तापमान प्रति दिन लगातार गिरता जा रहा है। शीतलहर और सर्द हवाएं जनजीवन बेहाल कर रही हैं। श्हरो से ज्यादा गांवों में भी हालात काफी खतरनाक होते जा रहे हैं। ठंड के मौसम से एक तरफ किसान अपनी फसलों को बचाने में लगे हुए है दूसरी तरफ पशुओं के लिए भी यह मौसम घातक बनता जा रहा है। इसीलिए पशु विशेषज्ञ मवेशियों के खाने-पीने और इनकी खास देखभाल करने की सलाह देते हैं। ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि दिसंबर और जनवरी के महीने में भेड़-बकरियों का खास ख्याल रखा जाए।
ठंड के मौसम में भेड़-बकरी की देखभाल
सर्दी के मौसम में भेंड़-बकरियों के दो महीने तक के बच्चों की खास देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है। क्योंकि ठंड के मौसम में बच्चों को निमोनिया जकड़ लेता है। निमोनिया इतना खतरनाक हो जाता है कि बच्चों की जान तक ले लेता है। शेड को तिरपाल या जूट की बोरी से चारों तरफ से ढक दें। शेड में ढेली वाले चूने का छिड़काव करें। चूना गर्मी पैदा करता है। साथ ही चूना छिड़कने से शेड में कीटाणु भी मर जाते हैं।इस मौसम में भेड़-बकरी को अरहर, चना, मसूर का भूसा खिलाएं।
रोजाना 50 ग्राम मेथी और 30 ग्राम गुड खिलाने से बकरियों पर शीतलहर का बुरा असर नहीं पड़ता। समय-समय पर भेड़-बकरियों को साफ और ताजा पानी पिलाते रहे। यदि पीने के पानी का टैंक बनाया है तो उसमें बुझा हुआ चूना डालें, जिससे बकरियों में कैल्शियम की कमी भी पूरी होती रहेगी। इस समय भेड़-बकरियों के बाड़े में अंगूठी या आग जलाकर हल्की गर्माहट बनाएं।भेड़-बकरियों को जूं, पिस्सू, किलनी से बचाने के लिए सेड की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।
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