आलू किसानों और व्यापारियों को बीते कुछ समय से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके कारण की बात करें तो आलू की उपलब्धता तो बढ़ी है, लेकिन निर्यात घटने से आलू की कीमतें तेजी से घट रही हैं। यह स्थिति बंगाल के आलू किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है। डर है कि किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो सकता है। आलू की पैदावार तो बंपर हुई है लेकिन बाजार में भाव अच्छा न मिलने से किसानों को बिक्री को लेकर बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि आलू फेंकने को मजबूर है किसान
क्यों हो रही है दिक्कत?
बांग्लादेश में नए आलू की आवक से दिक्कत हो रही है, नतीजतन बाजार में मांग नहीं है। इस वजह से फिलहाल आलू का निर्यात कम हो रहा है, जिससे कीमतें कम हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार आलू की कीमतें 20 रुपए से गिरकर 14 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं। कोलकाता में कई स्थानों पर, ज्योति आलू किस्म की थोक कीमतें वर्तमान में लगभग 14 रुपए प्रति किलोग्राम हैं।
बात करें अगर किसानों की तो उनके पास आलू बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आलू की फसल के किसानों को इस समस्या से निपटने के लिए निजी क्षेत्र की भी मदद लेनी चाहिए। निजी क्षेत्र को आलू के प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए। इससे आलू की खपत बढ़ेगी और किसानों को भी लाभ होगा।
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