मध्य प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को सोलर लाइट ट्रेप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। प्रदेश के बालाघाट जिले से इसके सकारात्मक परिणाम मिलना भी शुरू हो गया हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बताया गया है कि बालाघाट जिले में धान की पैदावार काफी अच्छी होती है। किसानों को धान एवं अन्य फसलों में किट नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में सौर ऊर्जा आधारित सोलर लाइट ट्रेप उपलब्ध कराया जा रहा हैं। बालाघाट जिले के ग्राम कटंगझरी के किसान वीरेंद्र धानद्रे एवं अन्य किसान सफलतापूर्वक सोलर लाइट ट्रेप का उपयोग कर रहे हैं।
कैसे किया जाता है सोलर लाइट ट्रेप का इस्तेमाल
सोलर लाइट ट्रेप खेत में एक स्थान पर रखा जाता है। इस यंत्र में अल्ट्रावायलेट लाइट लगी रहती है। दिन में सूर्य के प्रकाश में पैनल द्वारा ऊर्जा एकत्रित होती है और अंधेरा होने पर सेंसर के कारण यंत्र में लाइट चालू हो जाती है, जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ट्रेप में कीटों के आने के बाद किट नीचे लगी जाली में फंस जाते हैं। इस तरह खेत में किसानों को तना छेदक तितली और अन्य कीटों से फसलों को बचाने में मदद मिलती हैं।
किसान बगैर कीटनाशक दवाओं के उपयोग से फसल को बचाने में सफल हो जाते हैं। किसान खेतों में इस यंत्र को बांस के सहारे खड़ा करते हैं। एक कृषि यंत्र 3 से 5 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होता हैं। दिन में सोलर पैनल द्वारा बेट्री चार्ज होती है। किसानों को यह यंत्र 2500 से 3500 हजार रुपए तक बाजार में उपलब्ध रहता है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 500 रुपए अनुदान राशि उपपब्ध कराई जा रही हैं।
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