पराली जलाने के मामलों को, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्यों की तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की सह-अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में मौजूदा मौसम में धान की पराली जलाने से रोकने के बारे में विचार विमर्श हुआ। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पंजाब के कृषि मंत्री गुरुमित सिंह खुड़ियन, हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय उपस्थित थे।
इस बैठक में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आईसीएआर राज्यों के वरिष्ट अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक के दौरान राज्यों ने मौजूदा मौसम में पराली जलाने से रोकने के लिए अपनी कार्य योजना और रणनीतियां प्रस्तुत की।
राज्यों को किसानों के बीच धान की पराली जलाने से रोकने के बारे में जागरूकता लाने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रदान की गई धनराशि का उपयोग करने, फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी को कटाई के मौसम से पहले ही उपलब्ध कराने, आईसीएआर और अन्य हितधारकों के सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियां करने की सलाह दी गई।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने धान की पराली जलाने में मुद्दे के समाधान में दिखाई गई गंभीरता के लिए सभी हितधारकों को बधाई दी। उन्होंने कहां कि सभी हितधारकों के प्रयास से धान की पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी देखी जा रही है। राज्य सरकारों को मौजूदा मौसम में पराली जलाने के मामलों को शून्य के स्तर पर लाने की दिशा में काम करना चाहिए।
केंद्र सरकार चार राज्यों को सीआरएम योजना के अंतर्गत पर्याप्त धनराशि प्रदान कर रही है और इन राज्यों को समय पर किसानों को मशीन प्रदान करके उसका समुचित इस्तेमाल सुनिश्चित करना चाहिए।
यह भी पढ़े : आखिर क्यों बैन करने पड़े ये 10 कीटनाशक? देखे बैन हुए कीटनाशकों की सूची
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे कृषि जागृति चलो गांव की ओर से। धन्यवाद