ड्रिप सिंचाई का उपयोग खेती और पौधों की सिंचाई के लिए किया जाता है। यह एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका है जिसमें पानी को सीधे पौधों के नीचे धारित किया जाता है, जिससे पानी सीधे जड़ तक पहुंचता है। इस तरीके से, समुचित मात्रा में पानी केवल पौधों की जड़ों द्वारा सोखा जाता है, जिससे पानी की बचत होती है और पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है।
ड्रिप सिंचाई के अन्य लाभों में उच्चतम प्रदूषण कमी, मृदा संरक्षण, उन्नत उत्पादकता और जल संपदा के उपयोग की बचत शामिल हैं। यह सिंचाई पदार्थों के निर्धारित मात्रा को पौधों तक रखने में मदद करता है और वातावरणीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
ड्रिप सिंचाई विधियों के उपयोग से पानी की बचत होती है, क्योंकि यह पानी का उपयोग केवल उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार करता है और व्यर्थ पानी के नुकसान को कम करता है। इसके अलावा, यह पेयजल की बचत करने में मदद करता है और जल संपदा को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
ड्रिप सिंचाई तकनीक कई प्रकार की मिट्टी में, विभिन्न फसलों में और अलग-अलग जलवायु शर्तों में उपयोगी होती है। यह संचालित होने के लिए सोलर शक्ति भी उपयोग कर सकती है, जिससे इसका उपयोग और उच्चतम किया जा सकता है।
ड्रिप सिंचाई एक सिंचाई प्रणाली है जिसमें पानी को धीरे-धीरे और समान रूप से निकाल कर पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बागवानी, खेती और पौधों की उचित सिंचाई करके पानी की बचत करना है। इस प्रणाली में पानी को सिंचाई क्षेत्र के पास या निकटतम बूंद प्रणाली में संकलित किया जाता है और फिर सिंचाई नली के माध्यम से छोटे-छोटे ट्यूब या द्रावकों में वितरित किया जाता है। ये ट्यूब या द्रावक पानी को पौधों तक पहुंचाते हैं, जिससे पौधों को अपेक्षित मात्रा में पानी प्राप्त होता है।
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