डेयरी उद्योग में दूध उत्पादन क्षमता और पशु स्वास्थ्य का गहरा संबंध है। भारत में, जहां डेयरी फॉर्मिंग लाखों लोगों की आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पशु स्वस्थ हो ओर उनकी उत्पादन क्षमता भी बेहतर हो। पशु पलकों को ज्यादा लाभ पहुंचाने और पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए प्राकृतिक आहार ज्यादा खिलाएं।
पशुओं में दूध उत्पादन क्षमता में कमी के कारण
पोषण की कमी: अपर्याप्त या असंतुलित आहार से पशुओं के शरीर में पोषक की कमी हो जाती है। जिससे पशुओं में में प्रोटीन, ऊर्जा, विटामिन और प्राकृतिक खनिजों जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी दूध उत्पादन को प्रभावित करती है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: मास्टिटिस, पैर और मुंह की बीमारी और अन्य संक्रमणों जैसी बीमारियों से पीड़ित जानवरों को दूध उत्पादन में कमी का अनुभव हो सकता है।
परजीवी कीटों की समस्या: टिक्स और जू जैसे परजीवी पशुओं में तनाव पैदा कर सकते हैं। जिससे दूध उत्पादन की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
तनाव: अत्यधिक तापमान, भीभाड़ या उचित देखभाल की कमी के कारण भी पशु तनावग्रस्त हो जाती है। यह उनके दूध उत्पादन में कमी का एक बड़ा करना बनता हैं।
आयु: पशुओं की उम्र बढ़ने के साथ कई बार उनके दूध का उत्पादन कम हो जाता है। गायों में यह समस्या सबसे अधिक होती है। जिससे पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है।
आनुवंशजीकी: पशु की नस्ल भी दूध उत्पादन में काफी भूमिका निभाती है। दुधारू गाय की नस्ल को उनके उच्च दूध उत्पादन के लिए जाना जाता है। वही कुछ नस्ल की पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता आनुवंशिक तौर पर कम होती हैं।
प्राकृतिक आहार पशुओं के लिए क्यों है खास!
प्राकृतिक आहार के सेवन से पशुओं के दूध उत्पादन में वृद्धि होती हैं। और दूध भी एक दम प्राकृतिक होती है। यह पशुओं के थनों को स्वस्थ एवं मजबूत बनाने में सहायक हैं। पशुओं के थनों में दूध धारण करने की क्षमता में मजबूती रहती हैं।
इसके सेवन से पशुओं में थनैला रोग होने का खतरा कम रहता है। यह एलोपेशिया यानी गंजेपन से बचाव करता है। जिससे पशुओं के शरीर से बाल गिरने की समस्या से बचाव करता है। पशुओं की चमड़ी को स्वस्थ बनाने में सहायक है।
हैचबिलिटी में सुधार और नवजात पशुओं की मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है। यह पशुओं को संतुलित एनर्जी प्रदान करता है। जिससे पशुओं के शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम बने रहते हैं।
पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ाने के कुछ अन्य उपाय
उचित पोषण: पशुओं को संतुलित आहार प्रदान करना जो उनकी पोषण संबंधी जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करता है। दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, ऊर्जा, विटामिन और खनिज प्रदान करना शामिल है।
पर्याप्त पानी की आपूर्ति: दूध उत्पादन के लिए पशुओं को स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति प्रदान करना अति आवश्यक है।
अच्छी गुणवत्ता का आहार: पशुओं को अच्छी गुणवत्ता वाला पशु पूरक चारा, ताजा हरा चारा, साइलेज ओर घास प्रदान करना, दूध उत्पादन बढ़ाने में ज्यादा मदद करता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित स्वास्थ्य जांच ओर किसी भी बीमारी या संक्रमण का समय पर उचित उपचार भी दूध उत्पादन में कमी को रोकने में मदद करता है।
उचित दूध देने की तकनीक: उचित दूध देने की तकनीक जैसे दूध दुहने से पहले उनकी सफाई, साफ दूध निकालने वाली मशीन का उपयोग करना ओर नियमित अंतराल पर दूध निकालना, दूध उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
आरामदायक आवास: दुधारू पशुओं को आरामदायक आवास प्रदान करना अति आवश्यक होता है। ऐसा आवास जो अच्छी तरह हवादार, स्वच्छ और विशाल हो, पशुओं के तनाव को कम करने और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करें।
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