आर्टिफिशल इंटेलीजेंस यानी एआई आज के समय में हर एक क्षेत्र में इस्तेमाल की जा रही है और अब कृषि क्षेत्र में पशुपालकों के लिए अपनाई जा रही है। जो इसकी मदद से दूध की लागत 10 फीसद तक कम हो जाएगी। इससे पशुपालकों को बड़ा फायदा होगा।
एक्सपर्ट की मानें तो एआई की मदद से पशुपालन और डेयरी के सेक्टर में ना सिर्फ लागत कम हो रही है, बल्कि उत्पादन और प्रोडक्ट के दाम बढ़ने की भी पूरी संभावना है। तो आइए जानते हैं कृषि जागृति के इस पोस्ट में विस्तार से।
एआई द्वारा ऐसे बढ़ेगा पशुपालकों का मुनाफा
अगर पशुपालकों द्वारा एआई का इस्तेमाल किया जाए तो लागत कम कर प्रति पशु उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है। इस मामले में एआई की मदद से पशुओं की हैल्थ मॉनिटरिंग की जाती है। जैसे दूध देने वाली अगर भैंस है तो उसकी उम्र, भैंस का वजन, हर रोज दिए जाने वाले दूध की मात्रा कितनी है आदि। आंकड़े जमा करने के बाद इसी आधार पर पशु फिर वो चाहें गाय हो या भैंस उसकी खुराक तय की जाती है।
मतलब गाय-भैंस की खुराक में कितना हरा चारा देना है या फिर कितना सूखा चारा खिलाना है। खुराक में शामिल किए जाने वाले मिनरल्स की मात्रा भी इन्हीं आंकड़ों के हिसाब से तय की जाती है।
क्या आपको लगता है ये सच है, जी नहीं, ये कार्य आप बिना किसी तकनीक इस्तेमाल किए भी कर सकते हैं। वो भी प्राकृतिक द्वारा। पता है कैसे, जैसे कि आप सभी जानते है कि जो पशुपालक जर्सी गाय का पालन कर रहे उनके दूध से वेवल पैसे कमाएं जा सकते हैं, स्वास्थ्य नहीं। बल्कि जो पशुपालक देशी गायों का पालन कर रहे है। इसके दूध से पैसे और स्वास्थ्य दोनों कमा सकते हैं।
क्योंकि देशी गायों का दूध कई बीमारियों में लड़ने का कार्य करती है और इनके दूध A2 कैटेगरी के होते हैं। जिसके पीने से शरीर की इम्न्यूटी सिस्टम मजबूत रहती है। अगर आपकी इम्न्यूटी सिस्टम मजबूत है तो आप स्वास्थ्य है।
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