खेती में फसलों की सिंचाई का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। जिसके बिना फसलों की अच्छी पैदावार संभव नहीं होती। सही समय पर और सही मात्रा में जल की उपलब्धता से ही फसलों को पोषक तत्व मिलते हैं और उनकी उत्पादकता बढ़ती है। कुछ दशक पहले तक खेत में पानी की पाईप को बिना किसी नियंत्रण के खेत में छोड़ दिया जाता था।
इससे खेत के कुछ क्षेत्रों में जल जमाव तो कुछ क्षेत्र सूखे रह जाते थे। इसके साथ ही सिंचाई के समय पानी एवं समय भी काफी अधिक लगता था। इस समस्या से बचने के लिए और कृषि मैं जल की आवश्यकता को समझते हुए समय-समय पर सिंचाई की बेहतर व्यवस्थाओं और उपकरणों का विकाश हुआ है।
आज के समय में विभिन्न प्रक्रिया को आसान और अधिक प्रभावी बनाती हैं। आज कृषि जागृति के इस पोस्ट में आप सिंचाई के विभिन्न उपकरणों और तकनीकों पर जानकारी विस्तार से प्राप्त कर सकते है। जिनमे रेनगन सिंचाई यंत्र, ड्रिप सिंचाई यंत्र और अन्य प्रमुख सिंचाई यंत्र शामिल हैं।
ये है कुछ प्रमुख आधुनिक सिंचाई यंत्र
रेनगन सिंचाई यंत्र: यह एक आधुनिक कृषि यंत्र है। जिससे बहुत कम समय में फसलों की सिंचाई की जा सकती हैं। इस यंत्र से वर्षा की तरह जल का छिड़काव होता हैं। जिससे पूरे खेत में एक समान सिंचाई होती हैं। इस मशीन को 0 से 360 डिग्री तक घुमा कर सिंचाई की जा सकती हैं। सिंचाई के अलावा रेनगन सिंचाई यंत्र के द्वारा पानी में घुलनशील उर्वरक का भी छिड़काव किया जा सकता हैं। रेनगन सिंचाई यंत्र को मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में इस्तेलाम किया जाता हैं जहां बार-बार सिंचाई की आवश्यकता होती है।
ड्रिप सिंचाई यंत्र: ड्रिप सिंचाई यंत्र के द्वारा पौधो की जड़ों में बूंद बूंद कर के पानी टपकाया जाता हैं। इससे पानी की काफी बचत तो होती ही है, साथ ही पौधो के आस पास का स्थान सुखा रहता हैं। जिससे खेत में खरपतवारो की समस्या भी उतनी नही होती हैं। पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए यह सबसे उपयुक्त यंत्र है। ड्रिप सिंचाई यंत्र मैं पाईप, बल्ब, नालिया तथा एमिटर का प्रयोग किया जाता हैं। पाईप में कुछ दूरी के अंतराल पर छोटे छोटे छेद होते हैं, जिससे पानी बूंद बूंद कर के बाहर निकलती हैं और पौधो में पानी की कमी दूर होती हैं।
स्प्रिंकलर सिंचाई यंत्र: स्प्रिंकलर सिंचाई यंत्र को छोटे और मध्यम आकार के खेतो के लिए एक बेहतर सिंचाई तकनीक माना जाता हैं। यह यंत्र छोटे छोटे छेदों के मध्यम से हवा में पानी का छिड़काव करते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में समान रूप से पानी फैलता है। यह तरीका सामान्य बारिश के समान होता हैं। इससे फसलों को आवश्यक मात्रा में पानी मिलती है।
फॉगर्स सिंचाई यंत्र: फॉगर्स एक नई सिंचाई तकनीक है। जिसका उपयोग विशेष रूप से ग्रीनहाउस में किया जाता हैं। इस प्रणाली में पानी को बहुत छोटे बूंदों के रूप में पौधो के आस पास छिड़काव किया जाता हैं, जिससे नमी का स्तर बढ़ता है। यह पत्तियों और फसलों को नमी प्रदान करने के लिए बहुत प्रभावी है।
पोरस पाईप सिंचाई यंत्र: पोरस पाईप सिंचाई तकनीक उन क्षेत्रों में उपयोग की जाती हैं, जहां मिट्टी की नमी बनाए रखना बहुत कठिन होता हैं। इस विधि में इस्तेमाल की जाने वाली पाईप में छोटे छोटे छेद होते हैं, जिनसे पानी धीरे धीरे बाहर निकलता है और आस पास की मिट्टी को नमी प्रदान करता हैं। यह तकनीक बहुत प्रभावी है और जल की बचत के साथ-साथ पौधो को लगातार नमी भी मिलती रहती हैं।
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