वर्षा ऋतु के आगमन होने साथ ही पशु पालकों के लिए नई चुनौतियां भी लेकर आती हैं। वर्षा के मौसम में पशुओं को अच्छी सेहत के लिए काफी अधिक देखभाल की जरूरत होती हैं। इस मौसम में पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती हैं, जिससे पशु आसानी से विभिन्न रोगों की चपेट में आ सकते हैं। कृषि जागृति के इस पोस्ट में हम आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण टिप्स साझा कर रहे हैं जिनकी मदद से आप इस मौसम में पशुओं का खास ध्यान रख सकते हैं।
वर्षा के मौसम में पशुओं को होने वाले कुछ महत्वपूर्ण रोग
न्यूमोनिया, ब्रोकाइटिस, गलाघोटू रोग, खुरपका मुहापका रोग, पशुओं का पेट फूलना, पशुओं को दस्त होना, किलनी के कारण त्वचा रोग, फुटारोट यानी पैर सड़ने की समस्या
वर्षा के मौसम में इस तरह करें पशुओं की देखभाल
सुरक्षित स्थान: वर्षा के मौसम में पशुओं को आरामदायक एवं सुरक्षित स्थान की आवश्यकता होती हैं। जो की आप पशु आवास में पानी जमा न होने दें।
पोषक आहार: वर्षा के मौसम में पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए उन्हें पोषक आहार प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता हैं। उन्हे प्रतिदिन साफ और स्वच्छ जल प्रदान करें। इसके साथ ही उनके लिए स्वस्थ और पोष्टिक आहार की भी व्यवस्था करें। इस मौसम में फफूंद बहुत जल्दी लगते हैं। इसलिए पशुओं को बासी खाना न खिलाएं।
निरीक्षण एवं देखभाल: हर दिन पशुओं का अच्छी तरह निरीक्षण करें। पशुओं में किसी भी रोग के लक्षण नजर आने पर तुरंत पशु के डॉक्टर से संपर्क करें। रोगों से बचाने के लिए पशुओं को सही समय पर टीकाकरण कराए।
कीटो पर नियंत्रण: मच्छर मक्खियों पर नियंत्रण के लिए पशु आवास के आस पास पानी जमा न होने दें। इसके साथ ही परजीवी कीटो पर नियंत्रण के लिए भी उचित उपाएं अपनाए।
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