पशुपालक कई बार अपने पशुओं को घर का बना आहार जैसे गुड, सोयाबीन का छिलका या पत्तियां, ज्वार, मूंगफली, सरसो की खाली, गेहूं की भूसी, चावल की भूसी, शिरा या घर का बचा हुआ खाना आदि खिला दिया करते हैं।
इससे पशुओं का पेट तो भर जाता है लेकिन उन्हें उचित पोषण नहीं मिल पाता है। परिणाम स्वरूप पशु अस्वस्थ एवं कमजोर होने लगते हैं। संतुलित आहार नहीं मिलना उनकी दूध उत्पादन क्षमता के साथ उनकी प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है।
पशु चिकित्सको के अनुसार पशुओं को घर का बना आहार देने की जगह कंपाउंड फीड खिलाने से उनकी दूध उत्पादन क्षमता को आसानी से बढ़ाया जा सकता हैं। इसके साथ ही पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी दुरुस्त होती हैं।
पशुओं को घर का बना आहार खिलाने का नुकसान
पशुओं को उनकी जरूरत के अनुसार विटामिन, प्रोटीन, वासा एवं अन्य खनिज तत्व नही मिल पाता है। पोषण नहीं मिलने के कारण पशुओं का उचित विकास नहीं हो पाता है। जिससे दूध उत्पादन में कमी आती हैं। पशुओं को आहार पचाने में काफी कठिनाई होती हैं। कई बार घर के बने खाने में फंगस लग जाते हैं। हर मौसम में उचित मात्रा में यह उपलब्ध नहीं होता है।
पशुओं के लिए कंपाउंड फीड क्यों है बेहतर!
कंपाउंड फीड मैं सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में होते हैं। कंपाउंड फीड का सेवन करने से पशुओं का प्रजनन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।कंपाउंड फीड से पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता के साथ दूध की गुणवत्ता भी बढ़ती है।
पशु आहार में कंपाउंड फीड शामिल करने पर पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कंपाउंड फीड पशु चिकित्सा की देख रेख में तैयार किया जाता हैं। इसलिए गुणवता एक समान एवं बेहतर होती हैं।
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