एक स्वस्थ पौधो के लिए सिंचाई बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। अगर फसलों की सही समय पर सिंचाई नहीं की जाए तो मिट्टी में नमी की कमी हो जाती हैं। जिससे पौधे सूखने लगते हैं। वही यदि आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने पर भी पानी की अधिक मात्रा होने के कारण फसल सड़ने लगती एवं पीले होने लगते हैं।
इसलिए एक स्वस्थ पौधो के लिए सही समय पर सिंचाई करना बेहद जरूरी है। अब सवाल यह उठता है कि सिंचाई के लिए सही समय का पता कैसे लगाएं? तो किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए एक मृदा नमी सेंसर यंत्र तैयार किया गया है। तो आइए जानते है कृषि जागृति के इस पोस्ट में मृदा नमी सेंसर यंत्र के बारे में विस्तार से।
मृदा सेंसर यंत्र क्या हैं!
यह एक ऐसा यंत्र है जिसके द्वारा खेत की मिट्टी में नमी की मात्रा को काफी आसानी से जांच किया जा सकता हैं। जांच के द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि फसलों को सिंचाई की आवश्यकता है या नहीं।
मृदा नमी सेंसर कैसे कार्य करता हैं!
मृदा नमी सेंसर कई प्रकार के होते हैं। सामान्यतः मिट्टी नमी सेंसर प्रतिरोध आधारित और केपेसिटेंस आधारित होते हैं।
प्रतिरोध आधारित सेंसर: मिट्टी की विद्युत चालकता गुणों का उपयोग करके मिट्टी की नमी को मापते हैं। जब मिट्टी में अधिक पानी होता हैं, तो यह बिजली का बेहतर संवाहक बन जाता हैं।
जिससे इसके विद्युत प्रतिरोध में कमी आती हैं। इस प्रकार के सेंसर मैं आम तौर पर स्टेनलेस स्टील या ग्रेफाइट जैसी प्रवाहकीय सामग्री से बने दो या दो से अधिक इलेक्ट्रोड (जांच) होते हैं, जिन्हे मिट्टी में डाला जाता हैं।
कैपेसिटेंस आधारित सेंसर: कैपेसिटेंस सेंसर अक्सर प्रतिरोध आधारित सेंसर की तुलना में अधिक स्थिर और सटीक रीडिंग प्रदान करते हैं, लेकिन वे अधिक महंगे होते हैं।
मृदा नमी सेंसर यंत्र से कैसे पता लगाए मिट्टी में नमी की मात्रा!
इस यंत्र मैं दो रॉड लगी होती हैं। इसे खेत की मिट्टी में गाड़ा जाता हैं। इस यंत्र मैं 4 रंग के एलईडी लाइट लगे होते हैं जो मिट्टी में मौजूद नमी की मात्रा का संकेत देते हैं।
नीला रंग: इस रंग की लाइट मिट्टी में पर्याप्त नमी का संकेत देता हैं। इसका मतलब खेत में सिंचाई की आवश्यकता नहीं है।
हरा रंग: मशीन में हरे रंग की लाइट जलने पर सिंचाई की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं।
नारंगी रंग: इस रंग की लाइट नमी की कमी का संकेत देती हैं। नारंगी रंग की लाइट जलने पर फसलों में सिंचाई करे।
लाल रंग: लाल रंग तुरंत सिंचाई करने की जानकारी देता हैं। लाल रंग होने पर जल्द से जल्द फसलों में सिंचाई करें।
मृदा नमी सेंसर यंत्र के फायदे!
फसलों की सही समय पर सिंचाई की जा सकती हैं। मिट्टी में नमी की मात्रा का पता चलता है।
सिंचाई के समय पानी की काफी बचत होती हैं। समय पर सिंचाई होने पर पौधो की बढ़वार बेहरत होती हैं।
यह भी पढ़े: इस मिल्किंग मशीन से करे दूध दुहने का घंटो का काम मिनटों में!
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें।