कृषि कार्यों को आसान एवं सुविधाजनक बनाने के लिए कई तरह के कृषि यंत्र या कृषि उपकरण उपलब्ध है। इन्ही में से एक रोटावेटर । इसका उपयोग ट्रेक्टर में जोड़कर किया जाता हैं इससे कम समय में मिट्टी की अच्छी तरह जुताई की जा सकती हैं।
रोटावेटर से केवल एक या दो बार ही जुताई करने पर खेत बुआई के लिए तैयार हो जाती हैं। इसके अलावा यह कई अन्य कृषि कार्यों में भी सहायक है। आईए इस पोस्ट के माध्यम से हम रोटावेटर की किस्में एवं इसके फायदों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
रोटावेटर के फायदे
इसका उपयोग लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती हैं। यह कम समय में मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरी बना देता हैं। इस उपकरण से खेत की जुताई करने पर खरपतवार छोटे टुकड़ों में कट कर मिट्टी में मिल जाते हैं।
फिर कुछ समय बाद यह खरपतवार सड़ कर मिट्टी में जीवांश की मात्रा बढ़ाते हैं। फलस्वरूप हम उच्च गुणवत्ता की अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा 4 से 5 इंच गहरी जुताई की जाती हैं। जिससे बार बार खेत की जुताई करने की आवश्यकता नहीं होती हैं।
केवल एक बार रोटावेटर से खेत जुताई करने के बाद भी बीज की बुआई की जा सकती हैं। भुरभुरी मिट्टी में जड़ो का विकाश अच्छा होता हैं। इसलिए इससे जुताई के बाद खेती करने पर उत्पादन में 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि होती हैं।
अन्य कृषि यंत्रों की तुलना में इसके इस्तेमाल से खेत की जुताई करने पर समय की बचत होती हैं। इसका उपयोग शुष्क एवं गीली दोनो तरफ की भूमि में संभव है। इसके उपयोग में अन्य यंत्रों की तुलना में 15 से 35 प्रतिशत तक ईंधन की बचत होती हैं।जिससे लागत में कमी आती हैं।
रोटावेटर से खेत की जुताई करने के बाद पाटा लगाने की आवश्यकता नहीं होती हैं। इस उपकरण के द्वारा खेत में मौजूद मक्का गन्ना, गेहूं आदि फसलों के अवशेषो को आसानी से हटाया जा सकता हैं।
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