उत्पादन में गिरावट के कारण पिछले कुछ महीनों के दौरान चने की कीमतों में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल रही हैं। फिलहाल, चने की कीमत के भाव में इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगभग 35 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए अब सरकार चने पर भंडारण सीमा लगाने पर विचार कर रही हैं। देश के प्रमुख चना उत्पादक राज्यो राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में चने की कीमत 7200 से 7300 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रही हैं।
जबकि, चालू सीजन के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5440 रुपए प्रति क्विंटल है। व्यापारियों का कहना है कि हाल के वर्षो में पहली बार चने की कीमतें 7000 रूपय प्रति क्विंटल के पार पहुंची है। कृषि मंत्रालय के अनुमान फसल वर्ष 2023 से 2024 के दौरान देश में चने का उत्पादन 121.61 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। हालाकि, व्यापार शूत्रो का मानना है कि चने का उत्पादन आधिकारिक अनुमान से काफी ज्यादा कम रह सकता हैं।
व्यापार सूत्रों ने बताया कि चालू विपणन सत्र में नैफेड द्वारा मूल्य समर्थन योजना के तहत लगभग 40000 टन चना खरीदा गया है। जबकि सरकार द्वारा 10 लाख टन चने की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया। चने की कीमतों में तेजी चिंता का विषय है। सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है और भविष्य में कीमतों में बदलाव हो सालती है।
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