चूहा एक बड़ी संख्या में पाई जाने वाली कृंतक प्रजाति है, जिसको सीधे तौर पर उसके विनाशकारी प्रभावों के लिए जाना जाता हैं। ये सामान्यतः खेत में और भंडारण दोनो ही अवस्थाओं में मक्के के खेत में पूरी तरह से हावी हो सकते। इसके साथ ही बीज, अंकुर, तना, पत्तियों और भुट्टो को पूरी तरह से कुतर कर आर्थिक नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण बनते हैं।
मक्के के खेत में रहने वाले चूहों के सर्वेक्षण और पहचान करने पर पाया गया है कि चूहों की केवल कुछ प्रजातियां ही अनाज के खेतो मे देखने को मिलती हैं। इस तरह के चूहे बिलों में पानी के खेतो के पास रहते हैं। इसके अलावा सिंचाई पानी में डूबने एवं अन्य खतरों से बचने के लिए खेत के किनारों पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
मक्के के खेत में चूहों के अकर्मण से होने वाले नुकसान
मक्के के खेत में चूहे तने और पत्तियों को कुतरने की प्रवृति होती हैं। फसल में आधार के पास या पत्ती के किनारों पर चबाए गए या छिले हुए क्षेत्रों को देखा जा सकता हैं। चूहे विकसित मक्के के भुट्टे के दानों को खा सकते हैं, जिससे भुट्टे खोखले व चबाए हुए भुट्टा दिख दिखते हैं।
इसके अलावा, चूहे घरेलू पशुओं को प्रभावित करने वाली बड़ी संख्या में बीमारियों के वाहक हो सकते हैं। चूहे प्रोटीन और विटामिन से भरपूर भोजन पसंद करते हैं और मुख्य रूप से भूण को खाते हैं, इसलिए वे बीजों के पोषण मूल्य और अंकुरण क्षमता को विशेष नुकसान पहुंचाते हैं।
खेत में घूमते समय चूहे मक्के के पौधों को रौंद सकते हैं, खासकर अगर संक्रमण गंभीर हो। यदि आप ऐसे क्षेत्रों को देखते हैं यहां पौधे चपटे है, तो यह चूहे के संक्रमण का संकेत हो सकता हैं।
मक्के की फसल में चूहों का नियंत्रण
पूरे खेत में जाल या स्नेप ट्रैप, लाइव ट्रैप, या ग्लू ट्रैप का प्रयोग करें। जाल को उन क्षेत्रों में रखे जहां चूहों की गतिविधि अधिक देखी गई हो। चूहों के लगातार संक्रमण के चक्र को तोड़ने के लिए फसल चक्र लागू करे। एक हीं खेत में लगातार मक्का बोने से बचे। सांस्कृतिक प्रथाओं जैसे फसल कटने के बाद गहरी जुताई करे।
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