हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहां कि राज्य में धान की कटाई का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और सरकार पराली जलाने से निपटने के लिए उपायों को बढ़ावा दे रही हैं। संजीव कौशल ने कहां कि वायु गुणवत्ता सूचकांक बनाए रखने के लिए सरकार सतर्क है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 38 फीसदी की कमी आई है, और पिछले दो वर्षो में 57 प्रतिशत की पर्याप्त कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहां कि विभिन्न पराली प्रबंधन योजनाओं के लिए 600 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इन उपकरणों का उद्देश्य बायोमास आधारित परियोजनाओं के लिए पराली को भूसे के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जिससे पराली जलाने में कमी आयेगी और पर्यावरण के प्रति जागरूक खेती को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कई कानून बनाए हैं। इन कानूनों के तहत पराली जलाने वालों पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।
सरकार ने किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की योजना भी शुरू की है। इसके अलावा, सरकार किसानों को पराली के उचित प्रबंधन के लिए धान की रोपाई के लिए कतारों के बीच की खाली जगह में पराली को छोड़ने, पराली को खाद में बदलने, या पराली को बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। इससे वायु प्रदूषण में कमी आई है और पर्यावरण को भी लाभ हुआ है।
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